पकड़ो मेरा हाथ चना साथ साथ
ओ मेरे दीनानाथ बनके तू हमसफ़र
तुमसे अगर हो जिसका खिवैया
डूबेगी कैसे जीवन की नैय्या
करते करामात चलना साथ साथ
ओ मेरे दीनानाथ बनके तू हमसफ़र
खुद को मैं सौंपा तुझको मुरारी
तुझपे है मेरी श्याम ज़िम्मेदारी
सुनले मेरी बात चलना साथ साथ
ओ मेरे दीनानाथ बनके तू हमसफ़र
सुख दुःख में हर पल साथ निभाना
बदले ज़माना बदल तुम ना जाना
कुंदन के हो नाथ चलना साथ साथ
ओ मेरे दीनानाथ बनके तू हमसफ़र