आंबे रानी ऐसी किरपा करदो,
जो भी दर आये माँ झोली भरदो,
सारा जग है माँ दर का सवाली,
कोई दवारे से लोटा न खाली,
वर दाती माँ खुशियों का वर दो,
जो भी दर आया माँ झोली भरदो ,
झंडे वाली यही बस मैं चहु हर पल तेरी महिमा मैं गऊ,
मेरी वाणी में स्वर मीठे भर दो,
जो भी दर आया माँ झोली भरदो ,
तेरा दरबार मेरा ठिकाना कही,
और नहीं उठके माँ जाना,
अपने नीरज के सर हाथ धर दो,
जो धर आये माँ झोली भर दो.