दर दर का भटकना छूट गया,
जबसे माँ तेरा द्वार मिला द्वार मिला,
आँखों से बहते आंसू रुके बेटे को माँ प्यार मिला प्यार मिला
मन का हर विकार गया मिल जो तेरा द्वार गया,
विपदा दूर भगी सोइ तकदीर जगी,
मझदार में अटका बेडा जो पल में लगा पार मिला पार,
आँखों से बहते आंसू रुके बेटे को माँ प्यार मिला प्यार मिला
महिमा अपार है माँ पूजे संसार है माँ,
ममता महान तेरी उची है शान तेरी,
भक्ति से शक्ति मिलती है,
जीवन का येही है सार मिला सार मिला सार मिला,
दर दर का भटकना छूट गया....
मांगता मैं वर यही छूटे न दर माँ कही,
तेरा गुण गान रहे चरणों में ध्यान रहे,
लखा की उल्जन सरल हुई माँ से मन का जो तार मिला तार मिला,
आँखों से बहते आंसू रुके बेटे को माँ प्यार मिला प्यार मिला