मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी,
मेरे श्याम के रंग में रंग जाओ,
मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी
रंग ऐसा अगर चढ़ जाए उतारे न उतरे रंग ऐसा,
चिंता सारी छोड़ के श्याम के चिंतन में लग जाओ
मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी.....
श्याम भक्ति में ऐसा नशा है फीके है सारे जग के नशे,
लाज शर्म सब छोड़ के श्याम की भक्ति में रम जाओ,
मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी........
मन की चिंता भी सारी मिटे गी पराम् आनंद मिलेगा,
श्याम को अपने बन वे वसाओं श्याम के तुम हो जाओ,
मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी............
कहे मोहित जनम सुधरे गा तरेगी तेरी पुशते भी
श्याम को अपना प्रेमी बना के प्रेमी तुम बन जऊ,
मस्ती बरसेगी कृपा बरसेगी....