जय कालेश्वर दाता हम सबके भाग्यविदाता,
तूने कैसी खेल रचाई साथ थीड़ा में बैठ के सारे भक्तो के कष्ट मिटाये,
जय कालेश्वर दाता हम सबके भाग्यविदाता,
जय हो बाबा जय हो बाबा
अंतर यामी हो बाबा सबके मन की तू जाने,
जब भक्तो पर तेरी दया है लगते ख़ुशी बरसाने,
तेरी माया का भरा समन्दर जिसका छोर न पाए ,
साथ थीड़ा में बैठ के सारे भक्तो के कष्ट मिटाये
प्रेम का ऐसा बंधन है को तोड़े से न टूटे,
धन दौलत का क्या भरोसा आज मिले कल छूटे कल छूटे,
तेरी किरपा की चाय सबका जीवन सफल बनाये,
साथ थीड़ा में बैठ के सारे भक्तो के कष्ट मिटाये