कैसे चुकाऊ तेरी सांसो की मोल रे,
जनम देने वाली इतना तू बोल,
उंगली पकड़ के चलना सिखाया मुझको,
गा गा के लोरी तूने गोदी में खिलाया मुझको,
कैसे चुकाऊ तेरी ममता के मोल रे,
जनम देने वाली इतना तू बोल,
रो रो के हर गम तूने हसना सिखिया मुझको,
हर कास्ट सेह के तूने जीना सिखाया मुझको,
कैसे चुकाऊ तेरी अंसुवन के मोल रे,
जनम देने वाली इतना तू बोल,
आंचल की छैया देकर धुप से बचाया मुझको,
हर गम भला से तूने हर दम बचाया मुझको,
तेरे दूध का मैं कर्जा ऐसे चुकाऊ गी,
जनम देने वाली इतना तू बोल,