थांसु विनती करा हां बारंबार

थांसु विनती करा हां बारंबार, सुनो जी सरकार,
खाटु का राजा मेहर करो॥

था बिन नाथ अनाथ की जी कुन राखेलो टेर,
म्हासा थांके मोकला जी, थांसा तो म्हारे थे ही एक,
खाटु का राजा मेहर करो,
थांसु विनती करा हा बारंबार....

जानु हुं दरबार मे थारे, घणी लगी है भीड़,
थारे विन किस विध मिटेगी, भोले भगत की या पीड़,
खाटु का राजा मेहर करो,
थांसु विनती करा हा बारंबार....

ज्यु ज्यु बीते टेम हिये को, छुटयो जावे धीर,
उझलो आवे कालजो जी, नेणा से टपके नीर,
खाटु का राजा मेहर करो,
थांसु विनती करा हा बारंबार....

द्रुपद सुता की लज्जा राखी, गज को काटयो फंद,
सूनकर टेर देर मत कीजो, श्याम बिहारी बृज चंद,
खाटु का राजा मेहर करो,
थांसु विनती करा हा बारंबार....
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