मेरे मोहन पीया मुस्करा दे ज़रा,
अपने नैनो का जादू चला दे ज़रा ll
चारु चितवन छबीली जो झांके तेरी,
मोह लेती है मन मेरा मुरली तेरी l
देख कर के तुम्हे दास कहता है यह,
अपने दर पे बुला ले मुझे भी ज़रा l
मेरे मोहन पीया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दिल भाते हुए मुस्कराते हुए,
मेरे नैनो से नैना मिलते हुए l
अपनी करुणा का अमृत पिलाकर मुझे,
ऐ कन्हईआ दीवाना बना दे मुझे l
मेरे मोहन पीया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दुनियां कहने लगी मैं दीवानी तेरी,
अब तलक भी हमारी न नज़रे मिली l
आज पर्दा हटा मेरी महफ़िल में आ,
अपने भक्तों को सूरत दिखा दे ज़रा l
मेरे मोहन पीया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
गोबिंद हरे गोपाल हरे, जय जय प्रभु दीन दयाल हरे ll
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे, जय जय प्रभु दिन दयाल हरे ll
गोबिंद हरे गोपाल हरे, जय जय प्रभु दीन दयाल हरे ll
अपलोड करता- अनिल भोपाल