चिट्ठी पत्री हुयी पुरानी, बारी आ गी फोन की,
एंड्राइड हाथां में लेकर, फेसबुक पे लॉग इन की,
प्रेम भाव की थारे सागे, सैटिंग करनी सै,
ओ बाबा... डे नाईट अब थारे सागे, चैटिंग करनी सै,
ई मेल एड्रेस दे दे अपनो, लिंक म्हाने भिजवा दे,
फ्रैंड लिस्ट में थारी बाबा, जगह म्हाने दिलवा दे,
प्रोफाईल में थारे नाम की, हैडिंग रखनी सै,
ओ बाबा... डे नाईट अब थारे सागे, चैटिंग करनी सै,
अच्छा हूं या बुरा हूं बाबा, पर बालक हूं तेरा,
म्हारे मन में के चाले है, थाने है सब बेरा,
बाबा थारे साथ बैठ के, डेटिंग करनी सै,
ओ बाबा... डे नाईट अब थारे सागे, चैटिंग करनी सै,
फोटो थारी देख के बाबा, लाईक बटन दबावांगा,
म्हें भी शेयर करांगा बाबा, औरां से करवावांगा,
थारे नाम से म्हारी भी तो, रेटिंग बढ़नी सै,
ओ बाबा... डे नाईट अब थारे सागे, चैटिंग करनी सै,
- रचनाकार
अमित अग्रवाल 'मीत'
मो. 9340790112