प्रभु का नाम जपो मन मेरे, दूर करे वोही संकट तेरे। जीवन रैन बसेरा है, क्या तेरा क्या मेरा है। दो नैनो से नीर बहे रे, दूर करे वोही संकट तेरे ॥ पिंजरा जब खुल जाता है, पंछी कब रुक पाता है। क्यूँ इस का अफ़सोस करे, दूर करे वोही संकट तेरे॥