सच की राहो पे तू हम को चला साई,
सच की राहो पे तू सबको को चला साई,
नेकी की समा हर एक दिल में तुहि जला साई,
ना सोचे दिल से भूरा हम सबका करे भला,
दीं दुखी को गल्ले लगा कर सेवा करे सदा,
तुहि मिटाना सबके संकट,
और भला साई,
सच की राहो पे तू हम को चला साई,
दिशा से कोई अब न भटके सबको देना सहारा,
रेहमत मिले तेरी सबको सबने तुझे है पुकारा,
ऐसे सुखो से संसार सारा तुहि बना साई,
सच की राहो पे तू हम को चला साई,
इतनी सी अरदास साई मैं कुछ और न मांगू,
निर्मल पवन मन हो सबका साई ये मैं चहु,
शरधा सबुरी मंतर सीखा कर किरपा करू साई,
सच की राहो पे तू हम को चला साई,