मेरे साईं तेरी शिर्डी बहुत अब याद आती है
जो बैठू ध्यान में तेरे मेरी बिगड़ी बनाती है
मेरे साईं तेरी शिर्डी बहुत अब याद आती है
जो भर आई मेरी आंखे साईं तेरे दर्श पाने को
तेरे दर्शन की प्यासी है मेरी अखियाँ उदासी है
मेरे साईं तेरी शिर्डी बहुत अब याद आती है
तेरे चरणों में सिर रख कर हुआ रोशन हर इक मंजर
धुनी जब जग म्गाती है हमे दुःख से बचाती है
मेरे साईं तेरी शिर्डी बहुत अब याद आती है