मेरे मेहरबा मेरे सैयां मिलता नहीं तेरा आशियाँ की,
तेरा ही सहारा मेरे साई राम,
जग सारा छोड़ के रिश्ते नाते तोड़ के तुझको पाने की है ये आरजू,
तू ही तकदीर मेरी हाथो की लकीर मेरी सुबह तेरे नाम से होती शुरू,
मेरे सैयां मेरे रहनुमा मिलता नहीं क्यों मेरे दरमियान,
तेरा ही सहारा मेरे साई राम,
मंदिर अजान दे जो आयते कुरआन कहे मस्जिद में गए जो आरती,
ऐसी दिवाली मनी पानी से दीप जले द्वारका मई में अलख जागती,
मेरे हम नवा मेरे सैयां दुंदु कहा तेरा निशान,
तेरा ही सहारा मेरे साई राम,
उस का नसीब है जिसके करीब है तू जब भी पुकारे चला आता है,
मैं बनसीब हु मंजिलो से दूर हु नजर नहीं तेरे सिवा आता है,
मेरे सठिया मेरे सैयां सुनता नहीं क्यों मेरी सदा,
तेरा ही सहारा मेरे साई राम,