माल और दौलत हसरत नहीं और नहीं मुझको धन चाहिये,
मौत शिरडी में आये मुझे साई जी जे वचन चाहिये ,
जब मुसीबत का हो समाना साई उस दम मुझे थामना,
कष्ट संकट की जब हो घड़ी,
आप की ही शरण चाहिये,
साई जी जे वचन चाहिये ,
फूल कलियों ने मांगी दुआ ये तमना है परमात्मा,
एह प्रभु जिस घड़ी हम खिले हम को शिरडी चमन चाहिये,
साई जी जे वचन चाहिये ,
जिस घड़ी अंत होगा मेरा मुझको दर्शन मिले आप का,
जिस में बाबा हो सूरत तेरी मुझको साई वो मन चाहिये,
साई जी जे वचन चाहिये ,
बाबा सब पे मेहरबानी है हर जगह साई भगवान है,
साई मंदिर यहाँ भी मिले करना उनको नमन चाहिये,
साई जी जे वचन चाहिये ,