तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ,
वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ,
यार मेरा दिल दार मेरा,
यमुना दे किनारे वसदा हे ॥
ओ मुरली वजावे कदम तले ॥
ते मैं नचं नच पैला पेंदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ,
वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ,
मेनू दीन धर्म सब भूल गए,
तेरे इश्क़ दे दर आज खुल गए,
मैं जप तप धर्म ते पूजा कूँ तेरे उतों घोल मोकेन्डी हाँ ,
तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ,
वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ,
तेढे इश्क़ दी मय तान पी गयी हाँ ,
मैं ता तेरी दीवानी थी गयी हाँ
तेरे कदम विच थोड़ी जगह मिले,
मैं ना मारदी ना जीनी आ,
तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ,
वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ,
ओ यार मेरा दिल दार मेरा यमुना दे किनारे वसदा हे,
ओ मुरली वजावे कदम तले,
ते मैं नचं नच पैला पौनी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ,
वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ,