मेरे बाबा ने बाँधी कमाल पगड़ी,
थोड़ी केसरियां थोड़ी सी लाल पगड़ी,
लाल पगड़ी कमाल पगड़ी,
पचरंगी बाबा की पगड़ी रंगाई,
सूरज की किरणे है इसमें समाई,
तेरे भक्तो में फेके है जाल पगड़ी,
थोड़ी केसरियां थोड़ी सी लाल पगड़ी,
मोर पंख तेरी पगड़ी में सोहे,
जिस पे तिलंगी मन सबका मोहे,
कही कर देना जादू संभाल पगड़ी,
थोड़ी केसरियां थोड़ी सी लाल पगड़ी,
पगड़ी से पल भर भी आंखे हटे न ,
अर्श किसी की वैरी नज़रे लगे न ,
आज हमको भी करदे निहाल पगड़ी,
थोड़ी केसरियां थोड़ी सी लाल पगड़ी,