श्याम धणी दातार है,
मांगलो सबको मिलेगा ये सच्चा दरबार है,
चलो रे चलो रे खाटू धाम रे,
मकराने के मंदिर में ही श्याम धनि है विराजे,
रतन जड़ित शृंगासन ऊपर मेरा बाबा साजे,
गाये गोपी नाथ विराजे संग में राधा प्यारी,
और जोड़ी में ही आन विराजे बजरंगी बलकारी,
श्याम धणी दातार है......
मोर मुकत माथे पर साजे थोड़ी हीरा चमके,
कानो में है कुण्डल सोहे गले हार दमके,
मोर छड़ी की महिमा बारी सारी दुनिया जानी,
भीड़ पड़े जब बाबा आये ना कोई ऐसा दानी,
श्याम धणी दातार है.........
नर नारी तेरा दर्शन करके मन की मुरादे पाते,
अपनी अपनी अर्ज लगा कर दामन भर के जाते,
हारे का सांवरियां साथी पग पग साथ निभाए,
तेरे दर का पवन भिखारी तेरी महिमा गाये,
श्याम धणी दातार है