पागल मनवा,श्याम तेरे बिन,लागे ना,
दीवाना हुआ,समझाने से, समझे ना
बाट निहारे साँझ सवेरे,दिन रैना
दीवाना हुआ समझाने से,समझे ना
दुनिया चाहे, धन और दौलत,में तो चाहु दर्शन
श्याम सलोने किया हे मेने,तन-मन तुझको अर्पण
तेरे सिवा दिल,अब तो कुछ भी ,चाहे ना
जी तो चाहे,पंख लगाकर,उड़के खाटू आउ,
कभी ना वापस,लोटू बाबा,चरणों में रम जाऊ
श्याम सरन में,अब तो मुझको,ही रहना
दिलवालो के,दिल की बाते,दिलवाले ही जाने
हर्ष तुम्हारे,हो गए हम तो,जन्मो के दीवाने
इसके अलावा,और तुम्हे कुछ, ना कहना