मैं जब दुनिया ते जाऊ और फिर दोबारा आउ,
मैं जिस भी जून में आउ ओ बाबा मेरा श्याम,
यो हारे का सहारा से यो तीन बाण धारी से,
यो नीले का सवार से यु करता बेडा पार से,
मैं जब दुनिया ते जाऊ और फिर दोबारा आउ.....
बाबा तेरी बात निराली भरता सबकी झोली खाली,
बनके सवाली दर पे तेरे आवे,
तेरी नजर पड़ जावे बाबा मिट जाये कंगाली घर से,
बाबा देता सब ने सुख की छाया,
मैं नाचता कूदता आउ ध्वजा का निशान चड़ाउ,
मेले में धूम मचाऊ,
ओ बाबा मेरा श्याम....
भक्तो से तू प्यार है करता,
जीवन तक भी वार देता कैसे भूलू तेरा उपकार ,
सुना है तू यारो का यार कहलाता तू लाख दातार महिमा तेरी है अप्रम पार,
मैं और बात कित जाऊ कित अपना हाल सुनाऊ बाबा मैं आस लगाउ,
ओ बाबा मेरा श्याम....
तू रहता है सब के मन में माटी के तू हर एक कण में,
हरदम रहता तू भक्तो के तू संग में,
मिट ते संकट हाथ मुराण में
भूले से आये जो शरण में सारे जहा का सुख मिलता चरणों में,
कहे जीतू शीश झुकाउ भजनो में तुझे रिजाऊ,
मैं सेवा तेरी पाउ,
ओ बाबा मेरा श्याम