एक तमना श्याम है मेरी दिल में वसा लू सूरत तेरी,
हर पल उसी को निहारा करू,
श्याम श्याम मुख से उचारा करू,
रोज सवेरे उठ कर बाबा तुझको शीश निभाउ मैं,
प्रेम भाव से भांति भांति का नित सिंगार सजाउ मैं,
हाथो से आरती उतारा करू,
श्याम श्याम मुख से उचारा करू,
इस तन से जो काम करू मैं सब कुछ तुझको अर्पित हो,
खाऊ जो प्रशाद हो तेरा पियो वो चरणामित हो,
हर पल ही दर्शन तुम्हारा करू,
श्याम श्याम मुख से उचारा करू,
कण कण में है वास तुम्हारा ये संसार तुम्हारा है,
खाटू वाले ये जग सारा ही दरबार तुम्हारा है,
चरणों में तेरे गुजारा करू बाबा,
श्याम श्याम मुख से उचारा करू,
बिनु की प्रभु विनती तुमसे इतनी किरपा कर देना,
चरणों की सेवा मिल जाये इस से बढ़ कर लाया लेना,
असनुवां से इनको पखारा करू,
श्याम श्याम मुख से उचारा करू,