ऐसी आज दुआ दे बाबा,
तुझमे ही मैं बन जाऊ मैं,
भाव सागर के सुख में दुःख में,
कभी ना तुझे बिसराऊ मैं,
करुणासागर तूने साई हर युग में अवतार लिए,
कलयुग में भी आ कर तूने अनगिन है उपहार दिया,
करलू दर्श निरंतर बाबा प्यास नैन की भुजाउ मैं,
ऐसी आज दुआ दे बाबा.....
ज़िंदगी अनभुज पहेली प्रश्नो की बोशार है,
ये दुनिया है भूल भूलिया माया का बाजार है,
हु साई अनजान मुसाफिर रहा बता गबराहु मैं,
ऐसी आज दुआ दे बाबा....
तेरी समादि पर फूलो की माला चढ़ाने आया हु,
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा लाया जो ला पाया हु,
बन कर दास रहु तेरा साई मेरा जनम बिताऊ मैं,
ऐसी आज दुआ दे बाबा......