मेरे मन को भी शिर्डी बना दीजिये
साईं जी कोई एसी दुआ दीजिये
मेरे मन को भी शिर्डी बना दीजिये
मोह माया के बादल न घेरे मुझे
ना डराए दुखो के अँधेरे मुझे
दीप अपनी दया के जला दीजिये
मेरे मन को भी शिर्डी बना दीजिये
नेकियो के डगर पे मैं चलती रहू
आप के रंग में बाबा मैं ढलती रहू
रास्ता कोई ऐसा दिखा दीजिये
मेरे मन को भी शिर्डी बना दीजिये
गीत संगीत सब है समप्रित तुझे
प्रीत भगतो की बाबा है अर्पित तुम्हे
अपनी करुना का अमृत पिला दीजिये
मेरे मन को भी शिर्डी बना दीजिये