कर दो क्षमा किशोरी अपराध मेरे सारे.....
बड़ी आस ले के आई दरबार में तुमारे....
तुमरी किरपा से शामा, चलती है सारी सृष्टि
सदियों से रो रही हूं, डारो कृपा की दृष्टि
उद्दार ओर पतन है सब हाथ में तुम्हारे
सपने में भी थकुं न,श्री राधा नाम जप से
मै भी संवारू जीवन , गहवर में घोर तप से
मेरी भी झोंपड़ी हो, बरसाने में तुम्हारे
रसिकों के झुरमतों में, मुझ को छिपा लो राधे
चेतन की चाह न हो, जड़ ही बना लो राधे
जी भर परख लिए है,संसार के सहारे
*जय बिहारी जी की