पूरब पश्चिम उतर दक्षिण में

पूरब पश्चिम उतर दक्षिण में है शोरत साई की,
यहाँ  तलग जाये गी नजर पाओ गए हकूमत साई की,

जहाँ भी देखो जिधर भी देखो मेरे साई का जलवा है,
शहर शहर में नगर नगर में मेरे साई का चर्चा है,
जहाँ भी देखो जिधर भी देखो मेरे साई का जलवा है,
सारी दुनिया हमको मिली है यारो बदौलत साई की,
यहाँ  तलग जाये गी नजर पाओ गए हकूमत साई की,

जब तक धरती और गगन में सूरज चंदा सितारे है,
जब तक गंगा यमुना के प्रेम के बहते ये दायरे है,
जब तक धरती और गगन में सूरज चंदा सितारे है,
चलती रहे गी इसी तरह से शाने शावत साई की,
यहाँ  तलग जाये गी नजर पाओ गए हकूमत साई की,

ध्यान लगा के सुनते साई दीवानो की फर्यादे,
राजा हो या कोई भिखारी बाबा सबको बिक्शा दे,
ध्यान लगा के सुनते साई दीवानो की फर्यादे,
पवन शिरडी में लगती है रोज अदालत साई की,
यहाँ  तलग जाये गी नजर पाओ गए हकूमत साई की,

मानव हो या कोई परिंदा सबसे साई ने प्यार किया,
सेवा खिदमत प्रेम महोबत सब को एहि पैगाम दिया,
मानव हो या कोई परिंदा सबसे साई ने प्यार किया,
हमशर जाना जाता है बदौलत साई की,
लक्ष्मी जाना जाता है बदौलत साई की,
यहाँ  तलग जाये गी नजर पाओ गए हकूमत साई की,
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