मुझे कोई जरूरत नहीं है तेरे संसार की,
तेरे संसार की तेरे संसार की,
मेरे दिल में तमना यही है तेरे दीदार की,
मुझे कोई जरूरत नहीं है तेरे संसार की,
मेरी ज़िंदगी में धोखे ही धोखे,
देते है धोखे मेरे खास होके,
मुझे कोई शिकायत नहीं है,
बेवफाओ के प्यार की,
मुझे कोई जरूत नहीं है तेरे संसार की
रह कर के तनहा गुजारु गा ज़िंदगी,
सारी उम्र तेरी करू गा मैं बंदगी,
मुझे कोई भी उल्फत नहीं है किसी इंतज़ार की,
मुझे कोई जरूरत नहीं है तेरे संसार की,
ओ मुरली वाले थोड़ी सूरत दिखा दो,
अपनी महोबत का पागल बना दो,
मुझे कोई भी चाहत नहीं है किसी जीत हार की,
मुझे कोई जरूरत नहीं है तेरे संसार की,