ऐसी मस्ती कहा मिलेगी

ऐसी मस्ती कहा मिलेगी, श्याम नाम ऱस पिले,
तू मस्ती में जी ले ........
साँचा हे दरबार श्याम का,श्याम प्रभु हे रसीले,
तू मस्ती में जी ले ........

लख चौरासी भटक भटक कर,मानुस काया पाई,
ऐसा फंसा जगत में आकर, सारी सुध बिसराई,
अब भी समय हे,संभल बावरे,बंधन करले ढीले
तू मस्ती में जी ले ........

अमृत मय है नाम श्याम का,सारे दोष मिटादे
अंधकार को दूर भगा,हिवड़े में ज्योत जगादे,
अन्तर्मुख हो बैठे चैन से,नयना करले गीले
तू मस्ती में जी ले ........

श्याम नाम की महिमा को तो,वेद पुराण बखाने,
गणिका गिद्ध अजामिल तर गए,तर गए जिव सयाने
धर्मी अधर्मी, ऋषि मुनि योगी,नाम से हुए रसीले
तू मस्ती में जी ले ........

श्याम सुधा ऱस का प्याला,जिसको पीना आ जाये,
जीवन के इस महासमर में,जरा नहीं घबराये
स्वांस स्वांस में नाम निरंतर, नयनन श्याम सजीले
तू मस्ती में जी ले ........

श्याम कुटुंब में नाम लिखा,स्थिरता तुम्हे मिलेगी
पथ के कांटे फूल बने,जीवन की बगिया सजेगी
नंदू कर विश्वास प्रभु पर अब भी किस्मत सिले
तू मस्ती में जी ले ........
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