ओ लाडली ओ लाडली ओ लाडली ओ लाडली,
छोड़ के सब कुछ मैं बरसाने आया,
चरणों में देदो जगह मैं कब गबराया,
ओ लाडली ओ लाडली ...
मुझे सब खुशियां मिली,
तुझसे साथी मिला एहसान तेरा श्यामा नहीं कोई शिकवा गिला,
ओ लाडली ओ लाडली .....
तेरे सिवा अब तो कुछ भी नहीं भाता,
हर पल मैं सोचु तुमसे है क्या नाता,
ओ लाडली ओ लाडली ....
यही तमना है तू ममता लुटाती रहे,
रख गोद में सिर मेरा मुझे लोरी सुनाती रहे,
ओ लाडली ओ लाडली ...