मैं रोज तेरे दर आवा मैं कमली बन बन गावा,
मैं इको रटन लगावा मेरा नन्द लाल है मेरा गोपाल है,
वृन्दावन पे और बंसी वट पे सेवा कुञ्ज और यमुना तट पे,
मैं रशिकन संग मिल गवा मैं इको रत्न लगावा,
मैं कमली बन बन गावा मेरा नन्द लाल है मेरा गोपाल है,
हे परिकर्मा वृद्धावन की श्रीरज धरु श्री निधि वन की,
मैं नच नच श्याम मनावा मैं इको रत्न लगावा,
मैं कमली बन बन गावा मेरा नन्द लाल है मेरा गोपाल है,
रमन रेती और श्री गोकुल में,
गोवर्धन में शीला वन में मैं राधे गोविन्द गावा,
सखी इको रत्न लगावा मैं कमली बन बन गावा मेरा नन्द लाल है,
चाँद सखी वनवारी आई तेरे द्वारे देख देख प्यारे तेरे नजारे,
मैं बार बार बल जावा मैं इको रत्न लगावा,
मैं कमली बन बन गावा मेरा नन्द लाल है मेरा गोपाल है,