में कैसे प्रीत लगाऊ री

मैं कैसे प्रीत लगाऊ री मनमोहन बंसी वाले से,
मैं बोरी मेरा मनवा बोरो कैसे अंग छुआ री,
या तन और मन के तारे से मैं कैसे प्रीत लगाऊ री,
मनमोहन बंसी वाले से...

सखी सहेली पानी भरन की अरे मैं कैसे बतलाऊ जी,
यहाँ गाये चरावन वाले से मैं कैसे प्रीत लगाऊ री,
मनमोहन बंसी वाले से...

रतन को शिंगार जड़ी में कैसे गांठ मिलाऊ री,
यहाँ माखन चोरन हारे से मैं कैसे प्रीत लगाऊ री,
मनमोहन बंसी वाले से...

खिलती सोने की चम्पा में,
कैसे रूप वचाऊ री,
काले भवरा मतवाले ते मैं कैसे प्रीत निभाऊ री,
मनमोहन बंसी वाले से...

बिना भुलाये संग ही आवे,
अब तो बच नही पाउ री,
वारश या मन के प्यारे से मैं कैसे प्रीत लगाऊ री,
मनमोहन बंसी वाले से...

श्रेणी
download bhajan lyrics (1198 downloads)