आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा न आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद....
जान गये सब हुआ यशोदा के ललना,
झूल रहा नन्द जी के अंगना में पलना,
डम डम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,
आज है आनंद....
भोला भाला मुखड़ा है तीखी तीखी आँखे,
घुंगराले बाल काले मन मोहन आँखे,
जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,
आज है आनंद....
देवता भी आये सारी देवतियाँ भी आई है,
नन्द और यशोदा को दे रही विदाई है,
बात है जरूर कोई सँवारे ललन में,
आज है आनंद....
सारे ब्रिज वासी दौड़े दौड़े चले आ रहे,
झूमे नाचे गाये खुशियां मना रहे,
बीनू खुशियों के फूल खिले कण कण में,
आज है आनंद....