राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री

श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री।

कैलाश से भोले आये हैं बजरंगी वीर पधारें हैं,
बजरंगी वीर पधारे है जो राम के सेवक प्यारे हैं,
और भक्तों के रखवारे हैं।
सखियाँ आईं, बरसाने से, मन मोहन की प्यारी।
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री। ..

मुरली वाले की मुरली पे बजरंग हुये मतवाले हैं,
बजरंग हुये मतवाले हैं, सुध भूले डमरू वाले हैं।
जो मांगों देने वाले है,
राधे श्याम का दर्शन करने देखो आये त्रिपुरारी।
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री…
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