कान्हा से मुझको मिलना है,
मिलने दो यार पल भर के लिए,
कह दो आया सुदामा है तेरे द्वार पल भर के लिए,
कान्हा से मुझको मिलना है...
बचपन की है मेरी कान्हा से यारी,
जानती ब्रिज की सब नर नारी,
नाम है सुदामा जाके कान्हा से कह दो,
दौड़ते आएंगे मेरे कृष्ण मुरारी,
बात करना है मुझको उनसे दो चार पल भर ले लिए,
कान्हा से मुझको मिलना है.....
मोहन मुरली बिहारी से मिला दो,
ब्रिज से आया कोई उनको बता दो,
मेरा सन्देश जाके उनको सुना दो,
वरना मुझे ही उन तक पहुंचा दो
क्यों करते हो हमसे भाई तकरार पल भर के लिए,
कान्हा से मुझको मिलना है,