खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,
सारे कष्ट मिटे उसका मिल गई तेरी शरण,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,
तुम ही हो पालनहार तुम से है सारा संसार ,
कोई जाये न दर से खाली तेरी महिमा अप्रम पार,
मेरी भी करुणा पुकार सुन ले दिल से करू फरियाद ,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार
तुम देवो के देव हो हारे सहारे ,
तू कर दे नजरे कर्म की मुझपे करू विनती बाराम वार,
जग के पालन हार अब तो सुन ले फरियाद
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,
हार के आया हु सावरे अब तो थामो मेरा हाथ
कहता जग तुम्हे हारे का सहारा खाटूवाला श्याम हमारा
दास अविनाश भी हारा आकर दो आसरा अब मुझे भी
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार
लेखक:-अविनाश शर्मा
अलवर राजस्थान
न मैं कोई लेखक हु न ही भजन गायक बस बाबा श्याम बोलते है वो मैं लिख लेता हूँ कोई गलती हो तो माफ़ करना और अच्छा लगे तो बाबा के चरणों में सूना देना
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