जन्माष्टमी का दिन लागे बड़ा प्यारा
सोने के पलने में रेशम की डोरी बांधे,
झूला झुलाये बृज बाला
मथुरा में काहना जनम लियो है,
जग हित को अवतार लियो है ।
सोलह कलाः सम्पूरण कन्हाई,
ऐसा दूजा देव है नाही,
लड्डू गोपाल लागे प्यारा ॥
जन्माष्टमी का दिन...
दूध दही और छाछ लुटाओ,
माखन मिश्री भोग लगाओ ।
खुद नाचो और जग को नचाओ,
मिल्झुल के यह पर्व मनाओ,
आया जग का रखवाला ॥
जन्माष्टमी का दिन...
व्रत राखो और मंदिर जाओ,
भजनों से काह्नो को रिझाओ ।
तन मन धन सब इस पे वारो,
करो श्रृंगार और आरती उतारो,
मन को बाए नंदलाला ॥
जन्माष्टमी का दिन...