मेला लगया है लगया माई दे द्वार मेहरा वाली मेहर कमावे,
ओ मेला लगाया है लगाया माई दे द्वार,
बिन मंगियां माँ देवे मुरादा खुशियां दवे अपार माँ,
झोली आन आके फैला बैठा एह सारा संसार माँ,
हर कोई दिल तो एही चाहवे मिल जावे माँ दा प्यार,
मेला लगया है लगया माई दे द्वार मेहरा वाली मेहर कमावे,
गुनेगार भी बक्शे झंडे आके माँ दे द्वार,
सचियाँ नीता नाल पुकारें माता सुने पुकार.
कर्म कमावन वाली माता कर्म करे परमार,
मेला लगया है लगया माई दे द्वार मेहरा वाली मेहर कमावे,
माँ दी मौज पता कोई न कद किसनू की देवे,
झुक झुक के शीश झुकानदे मन तो माँ नु सेवे,
रही कमल करे मियां दा रज रज के दीदार,
मेला लगया है लगया माई दे द्वार मेहरा वाली मेहर कमावे,