तुमने चरणों से लगाया, ओर क्या चाहिए ॥
मेरा हर गम मिटाया, ओर क्या चाहिए ॥
ओर क्या चाहिए, बाबा क्या चाहिए ॥
आया था तेरे दर पे तेरे चरचे सुनकर ॥
हर दुख तुमने दूर किए काँटे चुनकर ॥
मुझपे करम कमाया ओर क्या चाहिए ॥
मेरा हर गम मिटाया ओर क्या चाहिए ॥
दीनो के दाता साँईं जी तुम ही तो हो ॥
जो तुम ना करोगे तो करम कोन करेगा ॥
तुमरे सिवा झोलि मेरी कोन भरेगा, बाबा कोन भरेगा
दीनो के दाता साँईं जी तुम ही तो हो ॥
जो मु माँगा वर देते तुम ही तो हो ॥
मेरा दामन भर वाया ओर क्या चाहिए ॥
मेरा हर गम मिटाया ओर क्या चाहिए ॥
तुझसा नही है कोई मेरा इस जहान मे ॥
किसको पुकारूं तेरे सिवा इस जहान मे ॥
हर रास्ता दिखाया ओर क्या चाहिए ॥
मेरा हर गम मिटाया ओर क्या चाहिए ॥
जब तक बिका ना था तो कोई पूछता था
तुमने खरीद कर मुझे अनमोल कर दिया ॥ ॥
रखली हैं लाज तुमने अपने अशोक की ॥
पल मे बनाई बिगड़ी अपने अशोक की ॥
जीवन सफल बनाया ओर क्या चाहिए ॥
मेरा हर गम मिटाया ओर क्या चाहिए ॥ ॥
साँईं भजन सिंगर एवं भजन लेखक
श्री अशोक साँई जी
पता = पानीपत तेहसिल कैम्प
मो : 090342-04944