चलो हाज़िरी लगाने दरबार,
साई की सब बोले गे जय जय कार,
चरणों को चूमे गे सिर जो झुका के,
जैकारा लगाये गे हाथ उठा के,
फूल वरसाएगे उनके दवार,
साई की सब बोले गे जय जय कार,
मंगला आरती अमृत वेला शिरडी वहां लगता है मेला,
भगतो से मिले गा वहां प्यार साई की सब बोले गे जय जय कार,
साई के दर पे रोज दिवाली,
ले ले परशाद वहां जाते सवाली,
तू भी झोली फैलाले एक बार,
साई की सब बोले गे जय जय कार,
साई दया से मैं दर पे आता,
नगर अपनी हज़ारी लगाता.
साई भगतो को मेरा नमस्कार,
साई की सब बोले गे जय जय कार,