हे श्याम हम शरणम् हे श्याम हम शरणम्,
देवी देवता ऋषि मुनि योगी कौशल तेरा बखाने,
दान दिए तुम शीश हरी को क्षत्रिये वचन निभाने,
वर व्यापी तू अप्रम, हे श्याम हम शरणम्
निर्बल का बल निर्धन का धन,
अन्धो की तू ज्योति भटको है घर तेरा ये दर,
भूखो की तू रोटी किरपा रहे हर दम,
हे श्याम हम शरणम्...
हारो का तू इक सहारा भक्ति तेरी शक्ति,
कितनी भी मुश्किल हो मेरी उल्जन दर तेरा बने युक्ति,
करुणा मई शरणम्,
हे श्याम हम शरणम्
निर्मल नैया तेरे हवाले तू पतवार संभाले,
मर्जी तेरी बिन ओ मेरे बाबा इक पता भी न हारे,
सतये है ये न ब्रह्म हे श्याम हम शरणम्