श्याम हम पे सितम क्यों करते हो,
सामने आये कभी छुप ते हो,
आरे लुका छुपी क्यों करते हो
सांवरिया रे मेरे सांवरियां रे ...
मेरा रास्ता रोके पनघट पे जरा सामने से जा तू हट रे,
चुनरियाँ झटके कभी बहियाँ मरोड़े श्याम तू है बड़ा नटखट रे,
कह दूंगी माता यशोदा से तूने फोड़ी है मेरी गगरिया रे,
सांवरिया रे मेरे सांवरियां रे ...
कभी गउये चराये मधुवन में,
कभी माखन चुराए आंगन में,
मारे कभी तू काली नाग को लीला नाचये बाला पण में,
खोलू मैं कैसे घूँघट पट को हो गई मैं तो वनवारियाँ,.
सांवरिया रे मेरे सांवरियां रे ...
कहे भगतो के दिल को चुराए,
ऐसी मीठी तू मुरली बजाये,
नैनो से अपने घ्याल करे संग राधा के रास रचये,
जादू श्याम ने क्या कर दिया अरे ऐसी बजाई मेरी बांसुरियां,
सांवरिया रे मेरे सांवरियां रे ...