मेरा दिल हो गया है दीवाना साई का,
मैंने पाया है दर्शन सुहाना साई का,
बिना मांगे ही सब कुछ दिया है मुझे,
थाम कर हाथ अपना लिया है मुझे,
मैंने जी भर कर के पाया है खजाना साई का,
मैंने पाया है दर्शन सुहाना साई का,
मेरे ख्वाबो ख्यालो में रहते है वो,
इक मालिक है सब का ये कहते है वो,
करता गुणगान सारा ज़माना साई का,
मैंने पाया है दर्शन सुहाना साई का,
कैसे भूलुंगा साई के उपकार को,
मरते दम तक न छोड़ू गा दरबार को,
गाये भारती गोसाई तराना साई का,
मैंने पाया है दर्शन सुहाना साई का,