तेरे इश्क में दीवाना हू तेरी ज्योत का परवाना हु
तेरी दीद पा के जो इनायत हुई है
बाबा मुझे तुम से महोबत हुई है,
तेरी भगती का रंग है गेहरा याद आता है तेरा ही चेहरा,
तुझे याद करने की आदत हुई है
साईं मुझे तुमसे महोबत हुई है
तुही मेरी साईं जिन्दगी है
तेरी इबात में हर ख़ुशी है
मेरे दिल को तुमसे ही राहत हुई है,
ख्वाजा मुझे तुम से महोबत हुई है
तुम्ही राम हो तुम ही रहीमा
तुम ही कृष्ण हो तुम ही करीमा
तेरे पास रेहने की चाहत हुई है
रामा मुझे तुम से महोबत हुई है