कब शिरडी मुझे भुलाओगे भुलाओ मेरे साइयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
रोक सके न आँख के आंसू उमड़ उमड़ ये बरसे रे,
तुझ बिन कौन सुने गा मेरी जाऊ कहा किस दर पे रे,
रूठ गई क्यों मुझसे बहार बतादे मेरे साइयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
फूल खिला के खुशियों के यु ये क्या हुआ मुख मोड़ लिया,
हाथ पकड़ के चलने वाले काहे अकेला छोड़ दिया,
आशा जगा के चरण लगा के सताये क्यों रे साइयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
चाँद बिना क्या चांदनी रहती दीप बिना क्या बाती रे,
ये धरती शिरडी वाले बिन कैसे रहे मुस्काती रे,
फूल खिला दे फिर से हसा दे हसा दे मेरे साइयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,