प्यारे लगे है राम सीता के इन्हे नहीं लागे नजरिया रे,
राजा बने है राम सीता की झूमे देखो सारी नगरिया रे,
पाँव पखारो सच्ची आरती उतरो,
मन में वसे है राम सीता के इन्हे नहीं लागे नजरिया रे,
प्यारे लगे है राम सीता....
जनक दुलारी संग ावथ बिहारी,
कैसे सजे है राम सीता के इन्हे नहीं लागे नजरिया रे,
राजा बने है राम सीता की झूमे देखो सारी नगरिया रे,
आओ पधारो प्रभु आसान पे पधारो,
लीला रचे है राम सीता के इन्हे नहीं लागे नजरिया रे,