हनुमान जी करेंगे भव पार तू दुखी मन काहे को करे,
काहे को करे काहे को डारे,
हनुमान जी करेंगे भव पार तू दुखी मन काहे को करे,
नैया तेरी प्रभु के हवाले उसके सिवा न कोई और समबाले,
अपने भगतो की समबाले पतवार दुखी मन काहे को करे,
काहे को करे काहे को डारे,
जीत हार भी उसके हाथ में वो ही है हर इक के साथ में,
वो है हर एक के साथ में शीश झुका के पा ले तू उनका प्यार,
काहे को करे काहे को डारे,
भव सागर तू तर जाएगा तुझको किनारा मिल जाएगा,
अर्जी लगा के तो देख एक बार,तू दुखी मन काहे को करे,
काहे को करे काहे को डारे,