श्यामा थारी ओल्यू आवे माहने दिन रात रे,
कद हो सी बाबा तासु माहरी मुलाकात रे,
श्याम थारी ओल्यू आवे...
यु तो मैं रोज थारा दर्शन पावा,
मन चाहवा भजन से थाने रिजावा,
पर अब तक बाबा बनी नहीं बात रे,
कद हो सी बाबा तासु माहरी मुलाकात रे,
श्याम थारी ओल्यू आवे...
लाख समजायो खुद ने समज ना आवे,
दुनिया की मोह माया माहने ललचावे,
इह के चलते ही हुया ऐसा हालत रे,
कद हो सी बाबा तासु माहरी मुलाकात रे,
श्याम थारी ओल्यू आवे...
मोह को यो पंशीडो जल्दी उड़ा दे,
आम ने सामने तेरा दर्श करा दे,
श्याम कवे कद हो सी इसी करा मात रे,
कद हो सी बाबा तासु माहरी मुलाकात रे,
श्याम थारी ओल्यू आवे...