मन लग दा नही किते टिकदा नही,
मन टिकदा नही किते लग दा नही,
ओहनू मेरी याद आ रही है,
मेनू हिचक ते हिचकी आ रही है,
सुपने विच मेरे माँ आई कह्द्नी लाल तू क्यों नही आया,
हाले मेरे तक पुत्र तू अपना टिकेट बुक नही करवाया,
इथे वेटिंग वध दी जा रही है,
मेनू हिचक ते हिचकी आ रही है,
तेरी किरपा माँ मेरी मेनू कम बड़े सी सारे,
जीवे ही वेहला होया दातिये भज्या तेरे द्वारे,
क्यों ताहने मारी जा रही है,
मेनू हिचक ते हिचकी आ रही है,
दुनिया कहन्दी चला सानु लाइ जन्दा फेरा,
मुड के अपने घर न जावा वस् चले जे मेरा,
मेरी बोहटी फ़ोन घुमा रही है गल्ला बचिया न करवाई रही है,
मेनू हिचक ते हिचकी आ रही है,