हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है,
जितना धन तेरे ऊपर है कई लाख तेरे गुना अंदर है,
कही अन उत्पन कर के तूने हर जीव जगत में प्राण बरे,
कही काजू मेवे उगते है तू कही सोने की खान भरे,
कही जल की नदियां बहती है यहाँ रुकना वही समन्दर है,
हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है,
हर कोई तेरी आस करे तू जननी है के विधाता है,
कभी आज तक ये भोला नहीं तू मेरा ही दिया खाता है,
तेरी मौज को जाने शिव शंभु जो सत्यम शिवम् सुंदरम है,
हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है,
तू मिटी है के सोना है मुझे बीज भरम का बोना है,
मेरे आनंद की तू राशि है मेरा जीवन एक खिलौना है,
गुरु चेतन शर्मा प्रभु मेरे तेरी शरण पड़ा ये ईशवर है,
हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है,