अनेकता में एकता विशेषता हमारी है,
जन्म भूमि राम की ध्रुव की तपस थली,
शक्ति के प्रतीक में साहसी महाबली,
नर नारायणो की ये धरती प्यारी है ,
अनेकता में एकता..........
कुंड कला देव भी कृष्ण भी यही हुये,
त्याग श्री भीविशियो हरीश चन यही हुये,
कर्म कर्म पर त्याग की गाथा ही न्यारी है,
अनेकता में एकता.........
दुनिया में व्याक्त है संस्कृति की अजेयता,
मात्र भूमि धन्य है आश ज्ञान श्रेष्ठा,
भोग वादी संस्कृति सत्य शिव से हारी हैं,
भेश भूशा भीं है भीं खान पान है,
अनेकता में एकता.........