सतगुरु मेरा प्यारा दिल लूट के ले गया,
सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया,
हारा वाला मेरा दिल लुट्दा रह गया,
सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया,
नाम दा खजाना दिता किरपा बरसा के,
ज़िंदगी दी डोर मेरे हाथ च फड़ के,
दिल दे सिंगशान उते आप आ के बह गया,
सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया,
तेरी मौज लूटी असा तेरा लड़ फड़्या,
दुनिया तो नाता तोड़ तनु सब मन्या,
हूँ गुरु जी दे चरना विच आके मैं बह गया,
सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया,
चरना दे विच रह के सेवा मैं कमावा गा,
गुरु जी दी सूरत नु दिल च वसावा गा,
एहो अरमान मेरे दिल विच रह गया,
सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया,