दरबार में शिरडी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है,
दुनिया के सताए लोग यहाँ सीने से लगाए जाते है ,
दरबार है शिरडी वाले का हर भक्त यहाँ मतवाला है,
भर भर के प्याले अमृत के यहाँ सबको पिलाये जाते है,
दरबार में शिरडी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है,
गीता है यहाँ है गरंथ यहाँ भगवन यहाँ हैवान यहाँ,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई इस दर पे भुलाये जाते है,
दरबार में शिरडी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है,
जिन भक्तो पर ऍह जग वालो है ख़ास दया मेरे साई की,
उनको ही भुलावा जाता है,वही लोग भुलाये जाते है,
दरबार में शिरडी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है,
लाख केसर भी आया है सब मेरे साई माया है,
भर भर के पानी दीपक में यहाँ द्वीप जलाये जाते है,
दरबार में शिरडी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है,